जौनपुर
: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र में 21 साल पहले हुई एक युवक की मौत के मामले में दो पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश अपर्णा देव ने इस मामले में राजेंद्र प्रसाद तिवारी और शेषमणि पांडेय और को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया है। घटना के समय दोनों सिपाही जफराबाद थाने में तैनात थे।
21 साल पुराना मामला
यह मामला 15 अप्रैल 2002 का है। जफराबाद थाने के सिपाही राजेंद्र प्रसाद तिवारी और शेषमणि पांडेय ने टकटकपुर हौज निवासी कलावती के बेटे अरविंद को हिरासत में लिया था। बाद में शाम को उसे छोड़ दिया गया। अरविंद खाना खाकर अपनी चाय की दुकान पर चला गया। लेकिन रात 9 बजे पुलिसकर्मियों ने दोबारा अरविंद को पकड़ लिया। परिजनों ने आरोपी शेषमणि, राजेंद्र और वशिष्ठ को अरविंद का गला दबाते देखा। गंभीर हालत में उसे पहले बंगाली डॉक्टर के पास और फिर जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दो पुलिसकर्मी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा
कोर्ट ने सात गवाहों की गवाही के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाया। मामले के तीसरे आरोपी, वशिष्ठ, की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई। कोर्ट ने दोनों दोषी पुलिसकर्मियों को पांच-पांच साल की कैद और 30-30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की आधी राशि पीड़ित की मां को देने का आदेश दिया गया। मुकदमा का पैरवी प्राइवेट अधिवक्ता कमलेश कुमार यादव एडवोकेट, इम्तियाज अहमद एडवोकेट द्वारा किया गया।