Jaunpur News आजादी के 76 साल के बाद भी और भाजपा के अमृत काल में भी मजदूर दिवस नहीं मजबूर दिवस मनाने पर मजबूर हैं भारत के श्रमिक : डॉ. अमित

Neeraj Yadav Swatantra
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समाजवादी मजदूर सभा द्वारा आयोजित मजदूर सम्मान समारोह संपन्न ।

समाजवादी मजदूर सभा की तरफ से आज अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर जनपद जौनपुर के विभिन्न चौराहों पर रोजगार की तलाश में एकत्रित श्रमिक साथियों को माला पहनाकर सम्मानित किया और मिठाई खिलाकर खुशियों का इज़हार किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि समाजवादी मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव मा0 श्री अमित यादव  जी विशिष्ट अतिथि  और श्री आनंद पांडे प्रदेश उपाध्यक्ष और श्री साहब लाल गौतम जी प्रदेश सचिव रहें।
प्रातः 08 बजे से ही निकट चांद मेडिकल स्टोर,शाहगंज रोड,जौनपुर और शक्करमंडी चौराहे पर मजदूरों सम्मान करने के लिए भारी संख्या में समाजवादी मजदूर सभा के कार्यकर्ता जुटने लगे और राष्ट्र निमार्ण में अहम भूमिका निभाने वाले मजदूरों का उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव श्री अमित यादव ने कहा कि आज हम सब एकजुट होकर मज़दूर दिवस—अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का उत्सव मना रहे हैं। यह सिर्फ़ एक दिन नहीं है, बल्कि श्रम के सम्मान, हक़ और संघर्ष की एक ऐतिहासिक पहचान है। यह दिन हमें याद दिलाता है उन महान क्रांतिकारियों की, जिन्होंने श्रमिक वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, जेलें काटीं, और जान तक कुर्बान कर दी।
मज़दूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर से हुई, जब श्रमिकों ने 8 घंटे के काम की मांग को लेकर आंदोलन किया। उस आंदोलन ने एक नई चेतना जगाई, और तभी से हर साल 1 मई को दुनियाभर में मज़दूरों के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है।
हमारे समाज की रीढ़ मज़दूर वर्ग है। फैक्ट्रियों से लेकर खेतों तक, सड़कों से लेकर निर्माण स्थलों तक—हर कोना हमारी मेहनत से चमकता है। राष्ट्र के निर्माण और विकास में मजदूर साथियों का अहम योगदान हैं। सभी देशवासियों को यह ध्यान में रखना होगा कि इस मेहनत का सम्मान सभी श्रमिकों बराबरी से मिलता रहें।
समाजवादी मज़दूर सभा का यह दृढ़ विश्वास है कि जब तक उत्पादन के साधनों पर चंद लोगों का कब्ज़ा रहेगा, तब तक श्रमिक वर्ग शोषण से मुक्त नहीं हो सकता। हम एक ऐसे समाज की कल्पना करते हैं जहाँ काम करने वाला व्यक्ति सबसे ऊपर हो, जहाँ श्रम को पूंजी पर प्राथमिकता मिले, और जहाँ रोज़गार, सम्मानजनक मज़दूरी और सामाजिक सुरक्षा हर श्रमिक का अधिकार हो।
आज का दिन संकल्प लेने का है कि हम हर मज़दूर को न्यूनतम नहीं, जीविकोपार्जन योग्य मज़दूरी दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे। हम असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एकजुट कर एक संगठित ताकत में बदलेंगे। हम महिला श्रमिकों, बाल श्रमिकों और प्रवासी मज़दूरों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे और हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक श्रमिक सत्ता के केंद्र में नहीं आ जाता।
हमें अपने संवैधानिक अधिकारों और संगठनात्मक शक्तियों को पहचानना होगा। यह दौर आर्थिक गुलामी का है, जहाँ मज़दूरों को कॉन्ट्रैक्ट और ठेके की आड़ में असुरक्षित बना दिया गया है। इस अन्याय के विरुद्ध संगठित संघर्ष ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है।
मैं समाजवादी मज़दूर सभा की ओर से आप सभी को भरोसा दिलाता हूँ कि हम हर मज़दूर की लड़ाई को अपनी लड़ाई मानते हैं। हमारी विचारधारा ही हमारी ताकत है। जहाँ इंसान को इंसान से छोटा नहीं समझा जाता और जहाँ श्रम का सम्मान सबसे ऊपर होता है।
आजादी के 76 साल बाद के बाद भी और भाजपाके  अमृत काल में भी मजदूर दिवस नहीं मजबूर दिवस मनाने पर मजबूर हैं भारत के मजदूर साथी।
आइए, हम सब मिलकर इस मज़दूर दिवस पर ये शपथ लें कि हम थकेंगे नहीं, झुकेंगे नहीं जब तक हर हाथ को काम और हर काम को सम्मान नहीं मिलेगा। 
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा, जिला महासचिव मंजय कन्नौजिया, जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद जावेद, विधानसभा अध्यक्ष वीरेंद्र यादव, बबलू यादव, सौरभ यादव, रामू इत्यादि मौजूद रहें।मंजूर अली, जितेन्द्र कुमार, अशविन्द, रामसमुझ,संजय यादव, जोगिन्दर कुमार, असलम, गोरख, सुभाष, असलम, दिनेश मिश्र, अनवर, रफीक, रिंकू, अनिल इत्यादि श्रमिकों को सम्मानित किया गया।

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