लखनऊ, 09 अप्रैल 2025: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया है।
मुख्य आंदोलन की रूपरेखा:
- 16 अप्रैल – 30 अप्रैल: जन-जागरण पखवाड़ा (ज्ञापन, विरोध सभाएं)
- 01 मई: मजदूर दिवस पर बाइक रैली
- 02 – 09 मई: क्रमिक अनशन (शक्तिभवन लखनऊ)
- 14 – 19 मई: नियमानुसार कार्य आंदोलन
- 20 मई: सभी ऊर्जा निगमों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन
- 21 – 28 मई: प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक कार्य बहिष्कार
- 29 मई से: अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार
आज लखनऊ में हाईडिल फील्ड हॉस्टल से शुरू हुई रैली में करीब 25,000 बिजली कर्मी सम्मिलित हुए। रैली प्रमुख मार्गों से होते हुए अनुशासित रूप में वापस फील्ड हॉस्टल पहुंची, जहां सभा में आंदोलन का निर्णय लिया गया।
देशभर से समर्थन
तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा सहित अनेक राज्यों से बिजली कर्मियों और अभियंताओं ने रैली में भाग लेकर निजीकरण विरोधी आंदोलन को समर्थन दिया।
प्रमुख वक्ता
- शैलेन्द्र दुबे – चेयरमैन, ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन
- पी रत्नाकर राव – सेक्रेटरी जनरल
- मोहन शर्मा – ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज
- आर के त्रिवेदी, सुभाष लांबा, आर के पराशर, विजय बंधु सहित कई नेता
सख्त चेतावनी
आंदोलन समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि आंदोलन के शांतिपूर्ण स्वरूप को दबाने या कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई, तो उसी समय से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।
समाचार स्रोत: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश