लखनऊ, 2 जुलाई 2025 (आवाज़ न्यूज़)।
उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ आज देशभर के बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में हुए इस विरोध में देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी, किसान संगठनों और उपभोक्ता मंचों ने एकजुटता दिखाई। विरोध के स्वर अब राष्ट्रव्यापी आंदोलन की दिशा में बढ़ रहे हैं, जिसके तहत 09 जुलाई 2025 को अखिल भारतीय हड़ताल की घोषणा की गई है।
देशभर के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन:
हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मुंबई, नागपुर, कोलकाता, रांची, भुवनेश्वर, पटना, जयपुर, लखनऊ, शिमला, देहरादून, जम्मू, श्रीनगर, गुवाहाटी सहित देश के प्रमुख नगरों में व्यापक प्रदर्शन हुए।
उत्तर प्रदेश में उग्र विरोध:
प्रदेश के वाराणसी, आगरा, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर, लखनऊ, आजमगढ़, मथुरा, अलीगढ़, झांसी, बांदा, बरेली, नोएडा, गाजियाबाद, ओबरा, अनपरा समेत 40+ जिलों में बिजलीकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किए। लखनऊ स्थित रेजिडेंसी और मध्यांचल मुख्यालय पर भारी संख्या में किसानों और कर्मचारियों ने विरोध दर्ज कराया।
निजीकरण का विरोध क्यों?
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर यह विरोध प्रदर्शन हुआ। संगठनों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश सरकार पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश कर रही है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि–
सरकार घाटे के भ्रामक आंकड़ों के आधार पर निजीकरण का फैसला कर रही है।
6761 करोड़ रुपए सालाना निजी कंपनियों को बिना बिजली खरीदे भुगतान हो रहा है।
महंगे पावर पर्चेज एग्रीमेंट के कारण हर साल 10,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ता है।
किसानों, गरीबों, बुनकरों को दी जा रही सब्सिडी को घाटा बताकर निजीकरण को सही ठहराया जा रहा है।
उपभोक्ताओं पर प्रभाव:
अगर निजीकरण हुआ, तो उपभोक्ताओं को 10-12 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी होगी। खासकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे गरीब क्षेत्रों में यह फैसला लालटेन युग की वापसी बन सकता है।
आरोप: निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने की साजिश
बिजली कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) और शासन के कुछ अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया है। आरोप है कि राज्य की बिजली संपत्तियों को कौड़ियों के दाम पर बेचा जा रहा है।
आंदोलन की चेतावनी:
बिजली कर्मचारियों ने साफ कहा है कि यदि उत्तर प्रदेश के कर्मियों पर कोई उत्पीड़न किया गया, तो देश के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
🔴 09 जुलाई को भारत बंद (बिजली हड़ताल):
अगर सरकार नहीं मानी तो देशव्यापी विद्युत सेवा ठप हो सकती है।