उर्दू का विरोध करने वाले खुद उर्दू में बोल रहे हैं: अखिलेश यादव

Neeraj Yadav Swatantra
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लखनऊ, 20 फरवरी 2025 – समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा, "कुछ लोग उर्दू का विरोध उर्दू में ही कर रहे हैं। यह पहली सरकार है जो उर्दू के खिलाफ बोलते हुए खुद उर्दू शब्दों का इस्तेमाल कर रही है।"

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के हालिया बयानों का जिक्र करते हुए कहा, "मुख्यमंत्री जी ने अपने भाषणों में 'बदनाम', 'बख्शा नहीं जाएगा', 'पैदा', 'गुनहगार', 'मौत', 'पायदान', 'सरकार' जैसे कई शब्दों का इस्तेमाल किया। क्या ये उर्दू शब्द नहीं हैं?"

'उर्दू भारतीय भाषा है'

अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह तक पता नहीं कि उर्दू एक भारतीय भाषा है, जो यहीं जन्मी और मेरठ के आसपास विकसित हुई। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री जी की स्वाभाविक शैली ही उर्दू मिश्रित हिंदी है। वे उर्दू का विरोध करते हैं, लेकिन उनका कोई भी भाषण, यहां तक कि बजट भाषण भी, बिना उर्दू के पूरा नहीं होता।"

'मुख्यमंत्री को बजट भाषण तक नहीं दिखाया गया'

समाजवादी पार्टी प्रमुख ने दावा किया कि वित्तमंत्री ने बजट की गोपनीयता के चलते मुख्यमंत्री को भी भाषण नहीं दिखाया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "अगर मुख्यमंत्री जी को बजट पहले दिखा दिया जाता, तो वे यह शेर नहीं पढ़ पाते—

"जिस दिन से चला हूँ, मेरी मंजिल पर नज़र है।"

समाजवादी पार्टी का हमला जारी

मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाषाओं पर राजनीति कर रही है। समाजवादी पार्टी ने साफ किया कि वह भारतीय भाषाओं और संस्कृति के सम्मान की रक्षा के लिए हमेशा आवाज उठाएगी

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