BSP News मायावती ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर उठाए सवाल, बताया गरीब-विरोधी

Neeraj Yadav Swatantra
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लखनऊ, 6 मार्च 2025 – बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रह चुकीं सुश्री मायावती ने केंद्र और राज्यों की आर्थिक नीतियों पर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने सरकार पर पूंजीपतियों को बढ़ावा देने और गरीबों, दलितों, पिछड़ों तथा आदिवासियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।

सरकार की नीतियां अमीरों के पक्ष में – मायावती

मायावती ने कहा कि सरकार की आर्थिक नीतियों से केवल बड़े-बड़े उद्योगपतियों को फायदा हो रहा है, जबकि गरीब, मजदूर और पिछड़ा वर्ग लगातार उपेक्षित हो रहा है। उन्होंने कहा,

"सरकार का ध्यान केवल पूंजीपतियों और धनाढ्यों की संपत्ति बढ़ाने पर है, जबकि गरीबों और श्रमिक वर्ग की स्थिति लगातार खराब हो रही है।"

यूपी को 'देश का ग्रोथ इंजन' बताने का दावा गलत

बीएसपी प्रमुख ने उत्तर प्रदेश सरकार के "यूपी को देश का ग्रोथ इंजन" बताने के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि राज्य में अब भी शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई है।

दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा पर जताई नाराजगी

मायावती ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर योजनाएं चलाने का दावा करने वाली सरकारें वास्तव में दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को हाशिए पर धकेल रही हैं। उन्होंने बीजेपी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि,

"सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचाने की बजाय उनकी आत्मनिर्भरता को बाधित किया जा रहा है।"

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री के बयान की निंदा

मायावती ने मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री द्वारा गरीबों को "भिखारियों की फौज" कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे गरीबों और श्रमिकों का अपमान बताया और मांग की कि सरकार ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे।

संविधान सम्मत नीतियों की मांग

बीएसपी प्रमुख ने कहा कि देश और राज्यों के बजट में समाज के वंचित वर्गों के लिए कम से कम 50% हिस्सेदारी होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से संविधान के सिद्धांतों के अनुसार गरीबों और दलितों के उत्थान के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।

मायावती के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। क्या सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देगी या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।

(रिपोर्ट: आवाज़ न्यूज़)

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