जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) उमेश कुमार की अदालत ने तीन वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास और ₹56,000 के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार, पीड़िता ने सरपतहा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि घटना के समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी और वह अपने भाई और मां के साथ घर पर रहती थी, जबकि उसके पिता, चाचा और दादा मुंबई में कार्यरत हैं। 10 जुलाई 2022 को जब मां और भाई बाजार गए थे, दोपहर करीब 3:30 बजे पड़ोसी युवक रेहान ने उसके घर में घुसकर दरवाजा बंद कर लिया और जबरन दुष्कर्म किया। विरोध करने पर आरोपी ने चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी।
पीड़िता ने यह घटना अपने पिता के 13 जुलाई को मुंबई से लौटने के बाद उन्हें बताई, जिसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।
शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार उपाध्याय और कमलेश राय द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई।