जौनपुर। तिलकधारी महाविद्यालय विधि विभाग के पूर्व संकायाध्यक्ष, साहित्यकार, कवि व शायर प्रोफेसर प्रेम चंद्र विश्वकर्मा का 76 वर्ष की उम्र में आज सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से शिक्षा और साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्रो. पीसी विश्वकर्मा पूर्वांचल विश्वविद्यालय में डीन के पद पर भी कार्यरत रह चुके थे और उनकी विद्वता का व्यापक प्रभाव रहा है। वे न केवल विधि क्षेत्र में बल्कि साहित्य, कविता और शायरी की दुनिया में भी एक चर्चित नाम थे। अपने जीवनकाल में उन्होंने कई मंचों पर अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया।
उनका निधन आज सुबह उनके काली कुट्टी, जौनपुर स्थित आवास पर हुआ। जैसे ही यह खबर फैली, शिक्षा जगत के लोग, उनके छात्र और प्रशंसक अंतिम दर्शन और पुष्पांजलि अर्पित करने उनके निवास स्थान पर पहुंचने लगे।
प्रो विश्वकर्मा अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन को शिक्षा और साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। अनेक शिक्षाविदों, कवियों और लेखकों ने उनके योगदान को याद करते हुए शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।