आवाज़ न्यूज़ | संवाददाता: सुजीत वर्मा, ब्यूरो चीफ
जौनपुर, उत्तर प्रदेश – जनपद में चकबंदी के पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों और कार्यों की समीक्षा जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में की गई। इस बैठक में चकबंदी मुख्यालय लखनऊ से आए उप संचालक आलोक कुमार, चकबंदी अधिकारी उल्फान अली, एवं संजय सिंह कनौजिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में सर्वे, कब्जा परिवर्तन, और तरमीम स्तर पर लंबित कार्यों की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिन गांवों में चकबंदी कार्य सर्वे या तरमीम स्तर पर रुका हुआ है, वहां निर्धारित समयसीमा के अंदर कार्य को पूर्ण किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समय से कार्य पूरा नहीं होता है तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
सीसीसीएमएस प्रणाली (Computerized Case and Court Management System) के अंतर्गत सभी लंबित वादों को ऑनलाइन दर्ज करते हुए काज लिस्ट के अनुसार सुनवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
डीएम डॉ. दिनेश चंद्र ने विशेष रूप से कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा आच्छादित वादों और पांच वर्ष से अधिक पुराने मुकदमों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए ताकि शासन की मंशा के अनुसार चकबंदी कार्य शीघ्रता से पूर्ण हो सके।
उन्होंने लेखपालों से कहा कि यदि चकबंदी कार्यों में कोई समस्या उत्पन्न हो रही हो तो तत्काल सूचित करें, ताकि उसका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
- मुख्य राजस्व अधिकारी / डीडीसी अजय अंबष्ट
- एसओसी अशोक कुमार, पवन सिंधु
- सभी चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी, चकबंदीकर्ता, और चकबंदी लेखपाल