आवाज़ न्यूज़, जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो उमेश कुमार की अदालत ने नाबालिग से अपहरण व दुष्कर्म के मामले में आरोपी युवक विजय कुमार गौतम को दोषसिद्ध पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
मामला – 2015 से जुड़ा
अभियोजन के अनुसार, महराजगंज थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने अपनी 16 वर्षीय बहन के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता कक्षा 9 की छात्रा थी और 14 सितंबर 2015 की सुबह करीब 3 बजे सवंसा गांव निवासी विजय कुमार गौतम उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया।
आरोपी ने किया विवाह, प्रसव के दौरान मौत
पुलिस विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। इस बीच आरोपी ने अवयस्क पीड़िता से विवाह कर लिया और पति-पत्नी की तरह रहने लगे। बाद में पीड़िता गर्भवती हुई, लेकिन प्रसव के दौरान पीड़िता व नवजात शिशु की मौत हो गई।
गवाह पक्षद्रोही, फिर भी मिली सजा
मामले में सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए थे, लेकिन विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार उपाध्याय व कमलेश राय की दलीलों और पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी को कठोर सजा दी।
👉 अदालत ने साफ किया कि नाबालिग से दुष्कर्म व अपहरण गंभीर अपराध है और समाज में इसका कड़ा संदेश देने की आवश्यकता है।