Jaunpur News रिमझिम बारिश से जिले में मौसम सुहाना, किसानों को राहत लेकिन नगरवासी परेशान | जलभराव ने खोली नगर पालिका की पोल

Neeraj Yadav Swatantra
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जौनपुर। रविवार की सुबह से लगातार हो रही रिमझिम बारिश ने जिले का मौसम खुशनुमा बना दिया है। जहां एक ओर किसान इस बारिश को वरदान मान रहे हैं, वहीं नगरवासी जलभराव और अव्यवस्था से परेशान हैं।


🌾 बारिश बनी किसानों के लिए वरदान


लगातार हो रही बारिश से खेतों में धान, मक्का और तिलहन जैसी फसलें लहलहा उठी हैं। किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ने के कारण कृषि कार्यों में तेजी आई है, जिससे आगामी फसल सीजन के लिए बेहतर उम्मीदें की जा रही हैं।


🌊 गोमती नदी का जलस्तर बढ़ा, धार्मिक स्थलों पर पानी भरा


लगातार वर्षा के चलते गोमती नदी का जलस्तर तेजी से बढ़कर साढ़े नौ फीट तक पहुंच गया है। बाबा गोमतेश्वर महादेव मंदिर सहित गोमती किनारे के कई धार्मिक स्थलों में जलभराव हो गया है। श्रद्धालु जलमग्न रास्तों से होकर मंदिर में शिवलिंग तक पहुंच रहे हैं और पूरी आस्था के साथ जलाभिषेक कर रहे हैं।


🏠 शहर में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त


शहर के कई इलाकों में जलनिकासी व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। नालियां चोक होने से बारिश का पानी गलियों और घरों में घुस गया है।

प्रमुख जलभराव वाले क्षेत्र:


लाइन बाजार से कलेक्ट्रेट रोड


इशापुर, ओलंदगंज से परमानतपुर मार्ग


पुरानी बाजार, शाहगंज रोड


रूहट्टा, औसानगंज आदि



लोगों को घुटनों तक भरे पानी में आने-जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई सड़कों ने झील का रूप ले लिया है।


🚧 सीवर परियोजना बनी सिरदर्द, सड़कें बनी जानलेवा


नगर में चल रही सीवर लाइन परियोजना के तहत की गई खुदाई अब मुसीबत बन गई है। बारिश में गड्ढों में पानी भरने से सड़कें धंसने लगी हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।


🏛️ नगर पालिका की लापरवाही उजागर, सफाई के दावे फेल


बारिश ने नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है। समय से नालियों की सफाई नहीं होने से जलनिकासी ठप हो गई है। नागरिकों का आरोप है कि पालिका ने सिर्फ कागज़ों पर तैयारी की जबकि ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं किया गया।


स्थानीय निवासी रवि गुप्ता का कहना है, "हर साल बारिश में यही हाल होता है, लेकिन प्रशासन सिर्फ आश्वासन देता है।"


📢 नागरिकों की मांग – स्थायी समाधान हो


स्थानीय लोगों ने नगर प्रशासन से मांग की है कि जलनिकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।


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