Jaunpur News तहसीलदार के सामने फफक कर रो पड़ा फरियादी, लेखपाल की अभद्रता बनी चर्चा का विषय

Neeraj Yadav Swatantra
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लेखपाल ने कानूनगो दफ्तर में की अभद्रता, तहसीलदार ने दिए सख्त निर्देश

केराकत, आवाज़ न्यूज़

 तहसील क्षेत्र के ग्राम मूर्तजाबाद निवासी सुनील कुमार माली के साथ लेखपाल रामेश्वर द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और अभद्रता का मामला मंगलवार को चर्चा का विषय बन गया। तहसील प्रशासन से न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचे फरियादी सुनील तहसीलदार महेंद्र बहादुर के सामने फफक-फफक कर रो पड़े और अपनी व्यथा सुनाई।

भूमाफियाओं से परेशान पीड़ित, लेखपाल ने दी धमकी

पीड़ित सुनील ने बताया कि दो वर्ष पूर्व दबंग भूमाफियाओं ने उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। तहसील प्रशासन ने लेखपाल रामेश्वर की आख्या के आधार पर अतिक्रमण हटवा दिया था। लेकिन अब दोबारा दबंगों ने उसकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, जिस पर उसने फिर से उपजिलाधिकारी से गुहार लगाई

इस मामले में लेखपाल को आख्या देने का निर्देश मिला, लेकिन इस बार लेखपाल स्पष्ट रिपोर्ट देने से बचने लगे। जब पीड़ित ने आख्या देने की मांग की तो लेखपाल आगबबूला हो गए, अभद्रता की और फरियादी की रिपोर्ट फाड़ दी। इतना ही नहीं, लेखपाल ने पीड़ित को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दे डाली।

तहसीलदार ने लिया संज्ञान, कानूनगो को लगाई फटकार

डरा-सहमा सुनील न्याय की गुहार लगाते हुए तहसीलदार महेंद्र बहादुर के पास पहुंचा और रोते हुए अपना दुखड़ा सुनाया। मामले को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार ने कानूनगो हनुमंत तिवारी को बंद कमरे में कड़ी फटकार लगाई और जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच कर पारदर्शी समाधान के निर्देश दिए

पहले भी विवादों में रह चुका है लेखपाल

यह पहली बार नहीं है जब लेखपाल रामेश्वर का विवादित आचरण सामने आया है। इससे पहले भी एक गांव में पैमाइश के दौरान प्रधान के साथ मारपीट करने का वीडियो वायरल हो चुका है

मुख्य बिंदु:

  • भूमाफियाओं से परेशान पीड़ित ने तहसील प्रशासन से मांगा न्याय
  • लेखपाल ने आख्या फाड़ी, अभद्रता की और धमकी दी
  • फरियादी तहसीलदार के सामने रो पड़ा, प्रशासन ने लिया संज्ञान
  • कानूनगो को कड़ी फटकार, निष्पक्ष जांच और त्वरित समाधान के निर्देश
  • लेखपाल का विवादित आचरण पहले भी चर्चा में रहा

यह मामला एक बार फिर तहसील प्रशासन की कार्यशैली और सरकारी अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन पीड़ित को न्याय दिलाने में कितनी तेजी दिखाता है

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