बरसठी, जौनपुर। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा की ओर से चल रही जनजागरण यात्रा का पड़ाव बुधवार की शाम विकास खंड बरसठी के ग्राम फतुहीखुर्द रसुलहा में हुआ। यात्रा के इकहत्तरवें दिन आयोजित सत्संग सभा में संस्थाध्यक्ष पंकज जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा – “यह तन तुमने दुर्लभ पाया, कोटि जन्म भटका जब खाया।”
आत्मज्ञान का महत्व बताया
पंकज जी महाराज ने कहा कि करोड़ों जन्मों के बाद मनुष्य शरीर मिलता है। इसे संसारिक मोह-माया में फंसकर बर्बाद न करें। उन्होंने कहा कि दुनिया का ज्ञान सीमित है, जबकि आत्मा-परमात्मा का ज्ञान उससे कहीं ऊँचा और गूढ़ है।
उन्होंने बताया कि मानव शरीर किराये का मकान है, जिसमें आत्मा दोनों आँखों के मध्य स्थित है। साधना और सुरत-शब्द योग से तीसरा नेत्र खुल सकता है, जिससे जीव त्रिकालदर्शी हो जाता है और आत्मकल्याण संभव होता है।
नशा और मांसाहार से दूर रहने की अपील
अपने प्रवचन में पंकज जी महाराज ने शाकाहार अपनाने और शराब सहित सभी प्रकार के नशों को त्यागने की अपील की। उन्होंने कहा कि गांव-गांव में भजनानंदियों की टोली बनाकर लोगों को शाकाहारी और सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित करना ही सच्ची सेवा है।
कार्यक्रम में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़
सत्संग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण और श्रद्धालु मौजूद रहे। इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, बालेन्द्र मिश्र, हरिनाथ यादव, लहुरी विश्वकर्मा, प्रभुनाथ मिश्रा, सूर्य नारायण दुबे, नागेश पांडेय, विपिन पांडेय, सुखराम यादव (प्रयागराज संगत) समेत कई लोग उपस्थित रहे।
शांतिपूर्ण ढंग से कार्यक्रम संपन्न कराने में स्थानीय पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
यात्रा का अगला पड़ाव
कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले पड़ाव सेहवा पिपरान (बरसठी) के लिए रवाना हो गई, जहां गुरुवार दोपहर 12 बजे से सत्संग का आयोजन होगा।