Jaunpur News दलित किशोरी से बलात्कारी को 20 वर्ष की कैद

Neeraj Yadav Swatantra
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75000 का लगा जुर्माना

आदित्य टाइम्स संवाद सुजीत वर्मा ब्यूरो चीफ 

जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो‌ उमेश कुमार की अदालत ने 10 वर्ष पूर्व कक्षा 8 की छात्रा से बलात्कार करने के आरोपी युवक को 20 वर्ष के कारावास व 75000 रूपए अर्थ दंड से दंडित किया।

अभियोजन कथानक के अनुसार खुटहन थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने डीआईजी वाराणसी को प्रार्थना पत्र दिया कि वह जाति का चमार व कमजोर व्यक्ति है। उसके गांव का निवासी अरमान शाह जो दबंग किस्म का व्यक्ति है वह विदेश में भी लड़कियों की सप्लाई करता है। वह एक वर्ष पूर्व उसकी पुत्री को नशीला पदार्थ खिलाकर उसका अपहरण कर लिया था। तब पुलिस के हस्तक्षेप के बाद तीसरे दिन उसकी लड़की मिली थी। उसने धमकी दिया था कि वह फिर जब चाहेगा उसकी लड़की को उठा ले जाएगा। उसको शक है कि उसकी 14 वर्षीय कक्षा 8 की पुत्री, को दिनांक 8 फरवरी 2014 को अरमान शाह अपहरण कर लिया होगा और उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दिया होगा अथवा उसे कहीं विदेश में बेच दिया होगा। डीआईजी के आदेश पर खुटहन थाने में लड़की के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ। 10 दिन बाद लड़की बरामद हुई। उसने बयान दिया की 8 फरवरी 2014 को उसकी मां ने खेत में घास लेने के लिए बुलाया था वह जा रही थी। तभी अरमान और घनश्याम उसका मुंह दबाकर खेत में उठा ले गए और उसके साथ दोनों ने बलात्कार किया। फिर उसे नशीला सेब खिला दिए जिससे वह नशे में हो गई। अरमान उसे गौस बड़ी मस्जिद के पास ले गया जहां दो अपरिचित लोगों को सौंप दिया। वे दोनों लोग उसे लखनऊ ले गए फिर वहां से पंजाब लेकर चले गए। जहां उसके साथ कई दिनों तक लगातार दोनों ने बलात्कार किया। वह पंजाब से भाग गई। तब उसे विनोद मिला जिसके परिवार ने उसका सहयोग किया और नाबालिक किशोरी के पिता को सूचना देकर बुलाया। किशोरी ने बताया कि वह विनोद के साले दीपक श्रीवास्तव से अपने व परिवार की मर्जी से शादी कर ली थी और पति-पत्नी की तरह रह रही थी। शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने दलित किशोरी के अपहरण व दुष्कर्म के आरोपी मोहम्मद अरमान को 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 75000 अर्थदंड से दंडित किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान घनश्याम की मृत्यु हो जाने से उसके खिलाफ मुकदमा समाप्त कर दिया गया।अभियोजन की पैरवी बेद प्रकाश तिवारी एडवोकेट और रमेश चंद्र पाल एडवोकेट ने किया।

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