ग्राम प्रधान व ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप, शिक्षा विभाग पर लापरवाही का आरोप
जौनपुर, करंजाकला:
जौनपुर जिले के करंजाकला विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय मंगदपुर में मिड डे मील योजना में भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। बच्चों को दिए जाने वाले पोषक भोजन के नाम पर उन्हें सिर्फ औपचारिकता निभाते हुए खाना परोसा जा रहा है, जिससे न तो उन्हें पर्याप्त पोषण मिल पा रहा है और न ही योजना का उद्देश्य पूरा हो रहा है।
ग्राम प्रधान राजकुमार सोनकर और स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 70 बच्चों को केवल 400 ग्राम दूध के पाउच से खीर बनाकर परोसी जाती है। खीर में दूध और चीनी की मात्रा इतनी कम होती है कि उसका स्वाद भी खीर जैसा नहीं होता। वहीं दाल में पानी इतना अधिक होता है कि वह केवल चावल का पानी लगती है।
बच्चों को नहीं मिलता भरपेट भोजन, दोबारा मांगने पर डांट
बच्चों ने बताया कि अगर वे दोबारा भोजन मांगते हैं, तो रसोई में काम करने वाली महिलाएं उन्हें डांट देती हैं और कहती हैं कि "खाना खत्म हो गया।" बच्चों को फल के नाम पर महीने में केवल एक बार एक केला या दो-तीन अंगूर ही दिए जाते हैं।
प्रधानाध्यापक ने दिखाई दबंगई, बोले - 'कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता'
जब शिकायत पर ग्राम प्रधान विद्यालय पहुँचे और भोजन की गुणवत्ता की जानकारी माँगी, तो प्रधानाध्यापक ने जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने धमकी भरे अंदाज़ में कहा, "जहां चाहें शिकायत कर लें, अधिकारी भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते।"
शिकायत के बाद भी शिक्षा विभाग मौन, कार्रवाई का इंतजार
प्रधान राजकुमार सोनकर ने इस मामले की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार से की, लेकिन अब तक न कोई जांच हुई और न ही कोई कार्रवाई। जब उनसे मीडिया ने संपर्क किया, तो उन्होंने केवल इतना कहा – "मैं मीडिया से बात नहीं करूंगा।"
जनता में आक्रोश, उच्चस्तरीय जांच की मांग
स्थानीय ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द इस मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सामूहिक रूप से जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ मिड डे मील योजना का नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य से जुड़े एक गंभीर सवाल का है।